Luke 4:16-30

16यीसू ह नासरत गांव म गीस, जिहां ओह पले-बढ़े रिहिस, अऊ अपन रीति के मुताबिक, ओह बिसराम के दिन यहूदीमन के सभा घर म गीस, अऊ ओह परमेसर के बचन ले पढ़े बर ठाढ़ होईस। 17ओला यसायाह अगमजानी के किताब दिये गीस। ओह किताब ला खोलिस अऊ ओ भाग ला निकारिस, जिहां ए लिखे रहय:

18“परभू के आतमा मोर ऊपर हवय,
एकरसेति ओह गरीबमन
ला सुघर संदेस के परचार करे बर मोर अभिसेक करे हवय।
ओह मोला पठोय हवय,
ताकि मेंह कैदीमन ला छुटकारा के,
अऊ अंधरामन ला आंखी पाय के घोसना करंव,
अऊ दुखित-पीड़ित मन ला छोड़ावंव
यसायाह ह मसीह के बारे म लिखत हवय।
,
19अऊ परभू के अनुग्रह के बछर के घोसना करंव।”
यसायाह 61:1-2

20तब यीसू ह किताब ला बंद करके वापिस सेवक ला दे दीस अऊ बईठ गीस। सभा घर म जम्मो झन के आंखी ह ओकरे ऊपर लगे रहय। 21तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “आज परमेसर के ए बचन ह तुम्‍हर सुनत म पूरा होईस।”

22जम्मो झन ओकर बड़ई करिन अऊ ओकर मुहूं ले निकरे अनुग्रह के बात ला सुनके ओमन अचम्भो करिन अऊ कहिन, “का एह यूसुफ के बेटा नो हय?”

23यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन मोर बर ए कहावत जरूर कहिहू, ‘ए डाक्टर, पहिली अपन-आप ला चंगा कर।’ जऊन कुछू तेंह कफरनहूम म करे हवस, ओकर बारे म हमन सुने हवन, अब वइसनेच तेंह इहां अपन नगर म घलो कर।”

24यीसू ह फेर कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव, कोनो अगमजानी अपन खुद के नगर म मान-सम्मान नइं पावय। 25मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि एलियाह के समय म जब साढ़े तीन साल तक पानी नइं बरसिस अऊ जम्मो इलाका म भयंकर अकाल पड़े रिहिस, तब इसरायल देस म बहुंत बिधवामन रिहिन। 26पर एलियाह ला ओमन ले काकरो करा नइं पठोय गीस, पर सैदा प्रदेस के सारफत सहर म एक बिधवा करा ओला पठोय गीस
बिधवा ह एक आनजात माईलोगन रिहिस।
27अऊ एलीसा अगमजानी के समय म इसरायल देस म बहुंत कोढ़ीमन रिहिन, पर सीरिया देस के नामान ला छोंड़के ओमन ले कोनो सुध नइं करे गीस
सीरिया के नामान ह एक आनजात मनखे रिहिस।
।”

28ए बात ला सुनके सभा घर के जम्मो मनखेमन कोरोध ले भर गीन। 29ओमन उठिन अऊ यीसू ला सहर के बाहिर निकारिन। ओमन के सहर ह पहाड़ी ऊपर बसे रहय। ओमन यीसू ला पहाड़ी के छोर म ले गीन ताकि ओला चट्टान म ले ढकेल देवंय। 30पर ओह भीड़ के बीच म ले निकरके अपन रसता म चल दीस।

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